इरशाद खान की कलम से-
हरदोई- खाद्य सुरक्षा एवम् औषधि प्रशासन हरदोई में लूट का कारोबार जोरों से चालू है। सवाल इस बात का भी उठता है कि उत्तर  प्रदेश सरकार बदली विभागीय अधिकारी भी लगभग बदले गये मगर खाद्य सुरक्षा विभाग हरदोई के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के क्षेत्र नहीं बदले। जो जहाँ लूट रहा था,वह वही लूट कर रहा है। प्रशासन एवम् शासन की नज़र इन खाद्य सुरक्षा अधिकारी की काली करतूतों पर क्यों नहीं पड रही है? कहीं तो जरूर झोल है। बताते चले खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनुराधा कुशवाहा की ही बात करें तो इन्हें हरदोई जनपद में लगभग २ वर्ष से अधिक समय हो गया है। अनुराधा कुशवाहा की काली करतूतों का पर्दाफाश भी किया गया। कई बार जिलाधिकारी महोदय को भी शिकायती पत्र दिए गए और शासन स्तर पर प्रमुख सचिव खाद्य सुरक्षा, आयुक्त खाद्य सुरक्षा को अनेकों शिकायतें भेजी गईं हैं। जिलाधिकारी को दी गईं शिकायतों की जाँच खाद्य सुरक्षा विभाग में ही दबा दी जाती है,आज तक कोई कार्यवाई नहीं हुई है। एक शिकायती पत्र की जाँच ए.सी. एफ.शशी पाण्डेय ने शाहाबाद क्षेत्र में जाकर की तो उन्हें भी शिकायतें मिली थी। मगर खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनुराधा कुशवाहा की शिकायतों पर अम्बादत्त पाण्डेय मुख्य खाद्य निरीक्षक द्वारा मोटी रकम प्राप्त कर दबा दी जाती रही हैं और अनुराधा कुशवाहा को पूर्ण संरक्षण देकर लूट की खुली छुट मुख्य खाद्य निरीक्षक व ए.सी. एफ. लखनऊ ने दे दी है। इस बात की जानकारी जनपद के सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को भी है। अनुराधा कुशवाहा पर प्रशासन एवम् शासन स्तर से कोई कार्यवाई न होने से निडर होकर अनुराधा कुशवाहा जिस क्षेत्र में चाहती है उस क्षेत्र के दुकानदारों का सामान उठा लाती है और फिर सौदेबाजी करती है जिससे मिलावतखोरी रूकने के बजाए और ज्यादा नकली व मिलावती सामान बाजारों में बिक रहा है। अनुराधा कुशवाहा जिस क्षेत्र में जाती है वहाँ घपलेबाजी जरूर होती है जैसे सण्डीला की दूध फैक्ट्री में खेल हुआ अगर प्रशासन चाह ले कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी इमानदारी से काम करें तो प्रशासन में बैठे वरिष्ठ अधिकारी खाद्य सुरक्षा अधिकारी से पूछें कि वह नमूने का सामान उठाने के बाद फार्म ५ (क) दुकानदारों को भरकर दिया या नहीं? आप को बताते चले कि फार्म ५ (क) देने के बाद दुकानदार से खाद्य सुरक्षा अधिकारी सौदेबाजी नहीं कर सकते? और न ही दुकानदार का नमूना बदल सकते और दुकानदार को भी जानकारी रहती है कि मेरा किस चीज का नमूना भरा गया था। एसे तो खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा दुकानदार का सामान अच्छी चीज का उठाया और पैसे का लेन- देन न हो पाने पर खराब सामान का नमूना भर दिया जाता है। मौके पर नमूना सील भी नहीं करते। क्या जिलाधिकारी महोदय खाद्य सुरक्षा अधिकारियों से नमूना भरने की जानकारी लेंगे कि किसने कितने नमूने अब तक भरे क्या उतने फार्म ५ (क) भी दुकानदारों को दिए गए।
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