मौसम बदलने पर लोगों के बीमार होने की आशंका बढ़ जाती है क्योंकि ऐसे दिनों में अचानक से तापमान घटता-बढ़ता है। लेकिन इस स्थिति में खुद को स्वस्थ रखने का हल भी प्रकृति में ही छिपा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि मौसमी फल संतरा, पपीता, अमरूद आदि खाने से बदलते मौसम में सताने वाली एलर्जी, सर्दी-बुखार जैसे बीमारियों से बचा जा सकता है।
भोजन से जुड़ी ध्यान रखें ये बातें-
- सुबह का नाश्ता जरूर करें जिसमें मौसमी फल व सब्जियां शामिल करें।
- एकबार में ज्यादा भोजन के बजाय छह हिस्सों में भोजन बांटकर खाएं।
- उबला हुआ पानी पिएं, मीठे व ठंडे पेय से बचे और डीहाइड्रेट न होने दें।  
- संतुलित भोजन से मेटाबॉलिज्म व प्रतिरोधी क्षमता मजबूत होगी।
स्वच्छता में कोताही न बरतें-
बदलते तापमान में हवा संक्रमित होती है जो एलर्जी कर सकती है।
घर साफ रखें वरना अंदर की हवा बाहर से 5 गुना संक्रमित हो सकती है।
निजी स्वच्छता का ध्यान रखें ताकि संक्रमण शरीर पर जल्दी असर न करे।
व्यायाम न भूलें-
अचानक ताप बदलने के मनोवैज्ञानिक असर से बचने को व्यायाम करें।
मौसम बदलने पर होने वाले हड्डी व जोड़ों के दर्द से बचे रहेंगे।
हर दिन व्यायाम शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाएगा, जिससे मौसम का असर नहीं होगा।
गर्म कपड़े पहनना न छोड़ें-
दिन में कई बार अचानक ताप बदलने पर शरीर का तंत्र उस स्थिति के मुताबिक खुद को तुरंत ढाल नहीं पाता, जिससे बीमार पड़ने की आशंका बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए कई परतों में कपड़े पहने ताकि जब मौसम गरम लगे, उन्हें उतारा जा सके और ठंड लगने पर बचे रहे। पूरी आस्तीन के कपड़े ही पहने ताकि बदलते मौसम में पैदा होने वाले मच्छर व कीटों से बचा जा सके।
फरवरी में स्ट्रॉबेरी खाने से विटामिन सी, मैग्नीशियम, फोलेट और पोटेशियम की प्रचुर मात्रा मिलती है। संतरे में भी मौजूद विटामिन सी से बदलते मौसम में त्वचा अच्छी रहती है। फलों में फाइबर से पाचन अच्छा रहता है और यह वजन घटाने में सहायक है। इन फलों के एंटीऑक्सीडेंट से हृदय और कैंसर से जुड़ी बीमारियां नहीं होतीं।
अर्चना सिन्हा, आहार विशेषज्ञ 
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