एस. पी. तिवारी-लखीमपुर-खीरी
लखीमपुर-खीरी। सोचिए कि आप बीमार हैं। डॉक्टर की सलाह पर एक नामीगिरामी पैथालॉजी सेंटर पर भारी भरकम रकम देकर जांच कराई। रिपोर्ट आई। पता चला कि कुछ नहीं है। आपने राहत की सांस ली। रिपोर्ट ले जाकर डाक्टर को दिखाई। डाक्टर संतुष्ट नहीं हुआ और उसने अन्यत्र जांच कराने की सलाह दी। दूसरी पैथालॉजी पर जांच कराने के बाद जब रिपोर्ट आई तो पता चला कि आपको एक गंभीर बीमारी है। ऐसे में आपकी हालत क्या होगी ? जिसकी कल्पना से ही रूह कांप जाय। सोचिए जिसके साथ ऐसा घटा होगा उसकी दशा क्या होगी।
  शहर के एक नामी पैथालॉजी सेंटर से ऐसी ही लापरवाही के दो मामले सामने आए हैं। पहले मरीज को बिल्कुल ठीक-ठाक बताया गया, लेकिन उसके पित्त में पथरी निकली, वहीं दूसरे मामले में पित्त में पथरी बताई गई तो दूसरी जांच में कैंसर निकला। शुक्र था डाक्टरों को जिनकी वजह से मरीज को समय रहते अपनी बीमारी का पता चल गया। वरना इनका अंजाम कितना भयानक होता इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। फिलहाल मरीजों और उनके तीमारदारों ने इस पैथालॉजी सेंटर की जांच कराने की मांग की है।
  मंगलवार को एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया। 12 जनवरी को राम देवी पत्नी विशम्भर दयाल ने पेट में दर्द होने पर एक चिकित्सक को दिखाया। चिकित्सक ने सिटी स्कैन व अल्ट्रासाउंड कराकर जांच रिपोर्ट दिखाने की बात कही। जिस पर राम देवी सत्यम डायग्नोस्टिक सेंटर पर सिटी स्कैन व अल्ट्रासाउंड की जांच कराने गई थी। जांच के बाद वह जब रिपोर्ट लेकर चिकित्सक के पास गई थी, तो रिपोर्ट में सबकुछ सामान्य निकला। जिस पर चिकित्सक असंतुष्ट हो गए और उन्होने फिर से कहीं अन्य जगह पर जांच कराने की सलाह दी। चिकित्सक के कहने पर राम देवी ने दूसरी पैथालॉजी में जांच कराई जहां रिपोर्ट में पित्त में पथरियां होने की जानकारी हुई। रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सक द्वारा मरीज का ऑपरेशन किया गया। राम देवी का आरोप है कि सत्यम डायग्नोस्टिक सेंटर पर जांच के नाम पर उससे हजारांे रुपए वसूले गए, लेकिन जांच रिपोर्ट गलत दी गई। रामदेवी ने कहा कि अगर चिकित्सक ने दुबारा जांच कराने की बात न कही होती तो वह हर रोज दर्द से कराहती रहती और उसका समुचित इलाज भी नहीं हो पाता। इसी तरह कुछ दिन पूर्व इसी पैथालाजी से पीड़ित महिला सरला देवी पत्नी स्वामी दयाल शुक्ला का मामला प्रकाश में आया था। जहां पैथालॉजी में सिटी स्कैन कराने के बाद महिला को पथरी होने की रिपोर्ट दी गई। रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सक ने सरला देवी का इलाज शुरू किया। जिसके बाद डॉक्टर ने उक्त महिला का ऑपरेशन किया जिसमें पथरी तो नहीं निकली। अब आप ही बताइए कि जांच रिपोर्ट पर महिला का पेट फाड़ दिया गया और उसे अन्य परेशानियां भी झेलनी पड़ी। ऑपरेशन के बाद चिकित्सक ने कहीं अन्यंत्र महिला की जांच करवाई, जिसमें महिला को कैंसर जैसी भयंकर बीमारी होने की जानकारी हुई। सरला देवी का आरोप है कि उक्त सेंटर के चलते उसकी जिंदगी खराब हो गई। पहले से पथरी न होने पर भी ऑपरेशन कराना पड़ा। लेटलतीफी होने के चलते उसे सही समय पर कैंसर जैसी भयंकर बीमारी की जानकारी नहीं हो पाई। फिलहाल सत्यम डायग्नोस्टिक सेंटर की लापरवाही के विरूद्ध पीड़ित ने उच्चाधिकारियो को प्रार्थना पत्र देकर जांच करवाने की मांग की है।

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