नई दिल्ली: इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन का मुखिया जाकिर नाइक ने प्रवर्तन निदेशालय पर जमकर निशाना साधा। जाकिर ने कहा कि भारतीय जांच एजेंसिया इतनी हताश क्यों है। जांच एजेंसियां अपने पोलिटिकल मास्टर्स की बात करने वालों की बात मानने के लिए इतनी हताशा क्यों दिखा रही हैं। सच तो ये है कि भारतीय जांच एजेंसियों को पता ही नहीं है कि उन्हें जांच किस बात की करनी है। लेकिन उनकी हताशा शर्मनाक है। ये बड़े आश्चर्य की बात है कि पहले जांच एजेंसियां आतंकी लिंक की तलाश कर रही थीं। लेकिन अब वो मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही हैं। वो किसी न किसी रूप में उसे फंसाने की साजिश कर रही हैं। 

जाकिर नाइक ने कहा कि वो चाहता है कि उसके खिलाफ जितने आरोप लगाए गए हैं उससे बेदाग बरी हो। लेकिन उसे किसी तरह से जेल में रखने की साजिश रची जा रही है। जाकिर नाइक ने कहा कि जब आतंकवाद के मुद्दे पर भारतीय जांच एजेंसियों को इंटरपोल से मदद नहीं मिली तो उसके खिलाफ जांच एजेंसियों का नजरिया बदल गया और अब उन्हें लगता है कि वो मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है।

जाकिर नाईक का कहना है कि भारतीय जांच एजेंसियों ने उसकी संपत्ति को जब्त किया गया। लेकिन 2018 और 2019 में अपीलेट ट्रिब्यूनल ने जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर रोक लगा दी। अब सवाल है कि ऐसा क्यों है कि जांच एजेंसियों को अदालत से कामयाबी नहीं मिल रही है इसके बावजूद उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। 
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