अर्पित श्रीवास्तव कलम से
लखनऊ,03 फरवरी । देश में तीन तलाक की रवायत पर प्रभावी रोक के लिये ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के ‘मॉडल निकाहनामा’ में निकाह के वक्त शौहर द्वारा भविष्य में कभी एक साथ तीन तलाक नहीं देने की लिखित शपथ देने का प्रावधान जोड़ा जा सकता है। बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी ने बताया कि बोर्ड की आगामी नौ फरवरी को हैदराबाद में शुरू होने वाली बैठकों में संशोधित मॉडल निकाहनामे पर चर्चा की जाएगी। इसमें उस प्रावधान को शामिल करने पर विचार-विमर्श होगा जिसके मुताबिक निकाह के वक्त शौहर को लिखकर देना होगा कि वह अपनी बीवी को कभी तीन तलाक नहीं देगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड के अनेक सदस्यों ने आलाकमान को तीन तलाक के खिलाफ निकाहनामे में ही शपथ की व्यवस्था करने का सुझाव दिया है।

नोमानी ने कहा कि निकाहनामे में इस तरह की व्यवस्था हो जाने से तीन तलाक की बुराई पर काफी हद तक रोक लगायी जा सकेगी। बोर्ड ने हमेशा तीन तलाक को गलत माना है। हालांकि कुछ परिस्थितियों में जरूरी होने की वजह से इसे अवैध करार नहीं दिया गया। इस बीच, ऑल इण्डिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड ने एआईएमपीएलबी के इस कदम का स्वागत करते हुए इसे ‘देर आयद, दुरुस्त आयद‘ वाला करार दिया है।

बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर ने कहा कि अगर एआईएमपीएलबी अपने निकाहनामे में तीन तलाक के खिलाफ इस प्रावधान को शामिल करता है तो यह बेहद स्वागत योग्य होगा। तीन तलाक के खिलाफ उच्चतम न्यायालय तक लड़ाई लड़ चुकी शाइस्ता ने कहा कि वह पूर्व में अपने संगठन द्वारा तैयार निकाहनामे को एआईएमपीएलबी के सामने पेश कर चुकी हैं। वह निकाहनामा पूरी तरह से कुरान शरीफ की रोशनी पर आधारित था। उसमें अक्सर तलाक का मुख्य कारण �
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