K5 न्यूज़
बलिया
 कोरोनावायरस जैसी महामारी को लेकर हुए लाक डाउन ने जैसे इन अप्रवासी मजदूरों के लिए मुसीबत का पहाड़ खड़ा कर दिया है। एक तो काम नहीं और जो थोड़े बहुत पैसे घर भेजने के लिए बचाये थे वो ख़तम हो गये । अब क्या करें हर तरफ अफरा तफरी और घबराहट  का माहौल ।

वीओ  लॉक डाउन एक हो या लॉक डाउन चार , सड़को पर हजारों किलोमीटर से पैदल व साईकिल से चल कर अपने घर तक पहुंचने का नज़ारा सरकार के लाख कोशिशों के बाद भी जस का तस बना हुआ है। ताजा मामला नरही थाना अंतर्गत सोहव गांव से होकर बक्सर बिहार जाने वाली सड़क का है जहाँ डेढ साल की मासूम को लिए कुल 9 लोग पैदल व साईकिल से चल कर पहुंचे। इन श्रमिको की माने तो दिल्ली से चल कर नरही थाना क्षेत्र अंतर्गत सोहाव पहुचे है जिन्हें बिहार बक्सर जिले के राजपुर थाना जाना है वही बीच सड़क पर कोई साधन और सुविधा न मिलने के कारण घर पहुचने के लिए अपने पैसे से साईकिल खरीद कर सफर को तय किया । इस सफर को पूरा करने में महीने के आधा से अधिक दिन निकल गये। बदन को जला देने वाली चिलचिलाती धूप में डेढ साल की मासूम बच्ची को लिए ये लोग सिर्फ अपने घर तक हर हाल में पहुंचने का जज्बा लिए चल पड़े है। ये नज़ारा देख स्थानीय लोगो ने इन्हें खाना खिलाया तो किसी ने बच्ची को मुरही और दूध का बन्दोवस्त किया। आप को बातते चले कि सरकार का सख्त आदेश है कि कोई भी श्रमिक पैदल न चले और न ही ट्रांसपोर्टिंग की गाड़ियों से सफर करें बावजूद यह नज़ारा न आप को हैरान कर सकता है बल्कि विचलित भी कर सकता है।

रिपोर्ट
अखिलेश सैनी
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