कहते हैं कि कभी-कभी किसी चीज को पाने के लिए काफी मेहनत करने पर भी वो चीज हमें मिल नहीं पाती।इस बात को कुछ लोग हस्तरेखा विज्ञान से जोड़कर देखते हुए रेखाओं को कारण बताते हैं।हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार ज्यादातर लोगों के हाथों में विवाह रेखा होती है लेकिन इनमें से कुछ लोगों के हाथों में ही प्रेम विवाह रेखा होती है।आइए, जानते हैं इससे जुड़े दिलचस्प पहलू- 
कहां होती है
विवाह रेखा विवाह रेखा लिटिल फिंगर (सबसे छोटी अंगुली) के नीचे वाले भाग में होती हैं।इस क्षेत्र को बुध पर्वत कहते हैं।बुध पर्वत के अंत में कुछ आड़ी गहरी रेखाएं होती हैं। यह विवाह रेखाएं कहलाती है।
-यह रेखाएं संख्या में जितनी होती हैं उस व्यक्ति के उतने ही प्रेम प्रसंग होते हैं।यदि यह रेखा टूटी हो या कटी हुई हो विवाह विच्छेद की संभावना होती है।साथ ही यह रेखा आपका वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा यह भी बताती है।
-यदि रेखाएं नीचे की ओर गई हुई हों तो दाम्पत्य जीवन में आपको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है यदि विवाह रेखा के आरंभ में दो शाखाएं हो तो उस व्यक्ति की शादी टूटने का भय रहता है।
-यदि किसी स्त्री के हाथ में विवाह रेखा के आरंभ में द्वीप चिन्ह हो तो उसका विवाह किसी धोखे से होगा।यदि बुध पर्वत से आई हुई कोई रेखा विवाह रेखा को काट दे तो उस व्यक्ति का वैवाहिक जीवन परेशानियों भरा होता है।
-यदि विवाह रेखा रिंग फिंगर (अनामिका) के नीचे सूर्य रेखा तक गई हो तो उस व्यक्ति का विवाह किसी विशिष्ट व्यक्ति से होता है।
 विवाह रेखा देखते समय शुक्र पर्वत (अंगूठे के नीचे वाला भाग शुक्र पर्व कहलाता है।इसका क्षेत्र जीवन रेखा तक होता है, पर भी विचार किया जाना चाहिए।

विशेष : यह लेख पाठकों की रूचि के अनुसार हस्तरेखा के अनुमानित परिमाणो पर आधारित है। हम इसकी सटीकता की पुष्टि नहीं करते।
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