मंझौल : कावर क्षेत्र पक्षी बिहार अभ्यारण्य के कारण कावर क्षेत्र के खेतों को न तो किसान बेच सकते हैं और न ही अधिग्रहण का मुआवजा मिला है। इस समस्या से किसान लगभग डेढ़ दशक से हलकान हो गए। लेकिन धीरे धीरे किसानों को उम्मीद की किरण दिखाई देने लगी है। गुरुवार के दिन न्यायालय अनुमंडल दंडाधिकारी मंझौल के न्यायालय में कावरझील पक्षी बिहार अभ्यारण्य में भूमि अधिग्रहण को लेकर बिहार सरकार द्वारा जारी गजट के आलोक में किसानों के भूमि दावा सत्यापन से सम्बंधित वाद की सुनबाई हुआ। न्यायालय में एसडीएम दुर्गेश कुमार के साथ एडिशनल एसडीओ धर्मेंद्र कुमार भी मौजूद रहे।
न्यायालय के बाहर किसानों का जमावड़ा लगता रहा और किसानों में मुआवजा मिलने से सम्बंधित बाते होती रही। बताते चलें कि कावर के किसानों के भूमि सत्यापन होने बाद सरकार के द्वारा पक्षी बिहार के लिये अधिग्रहण कर किसानों को उनके जमीन का समुचित मुआवजा दिया जाएगा।
न्यायालय के बाहर किसानों का जमावड़ा लगता रहा और किसानों में मुआवजा मिलने से सम्बंधित बाते होती रही। बताते चलें कि कावर के किसानों के भूमि सत्यापन होने बाद सरकार के द्वारा पक्षी बिहार के लिये अधिग्रहण कर किसानों को उनके जमीन का समुचित मुआवजा दिया जाएगा।
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