निर्भया के माता-पिता की वकील सीमा कुशवाहा (Seema Kushwaha) ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. 3 मार्च को फांसी की जो डेट फिक्स हुई है, ये लास्ट डेट होनी चाहिए.
नई दिल्ली. निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले (Nirbhaya Gang Rape and Murder Case) में दोषियों के खिलाफ कोर्ट ने नया डेथ वारंट (New Death warrant) जारी कर दिया है. नए डेथ वारंट के अनुसार, अब चारों दोषियों को एक साथ 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी. वहीं, कोर्ट से डेथ वारंट जारी होने पर निर्भया की मां आशा देवी (Asha Devi) ने कहा कि फाइनली आज डेट वारंट जारी हो गया है. यह तीसरी बार डेथ वारंट जारी हुआ है. मुझे उम्मीद है कि 3 मार्च फाइनल डेट होगी. आशा देवी ने कहा कि कहते हैं देर है अंधेर नहीं है. इसलिए कोर्ट के फैसले से मुझे संतुष्टि है. उन्होंने कहा कि मुझे तीन मार्च को खुशी होगी जब ये चारों दोषी फांसी पर चढ़ेंगे.
निर्भया के पिता बद्रीनाथ ने कहा, "बहुत अच्छी बात है, हम खुश हैं कि अब फांसी की डेट दी गई है. हमें उम्मीद है कि अब फांसी होगी. अपराधियों को मैसेज जाएगा कि उन्हें सजा मिलेगी. जहां सजा मिलेगी, वहां क्राइम रुकेगा."
वहीं, निर्भया के माता-पिता की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. 3 मार्च को फांसी की जो डेट फिक्स हुई है, ये लास्ट डेट होनी चाहिए. हाई कोर्ट ने जो 7 दिन का टाइम दिया था वो काफी पहले लेप्स हो गया था. 3 मार्च को निर्भया को तो न्याय मिलेगा ही साथ ही देश की जो और बेटियां हैं, उनकी भी उम्मीद जागेगी. सीमा कुशवाहा ने कहा कि डिले टेक्टिक्स कहां से यूज करेंगे, 7 दिन का समय दिया था हाई कोर्ट ने, लेकिन उस समय कोई पीटिशन फाइल नहीं की गई, अब इनके सारे राइट्स एग्जॉस्ट माने जाएंगे. उन्होंने कहा कि दोषियों के वकील एपी सिंह ने दोषियों के परिवारों को भी गुमराह किया है कि वो उन्हें बचा सकते हैं.
'वृंदा ग्रोवर नहीं चाहिए'
इससे पहले सुनवाई के दौरान दोषी मुकेश कुमार सिंह ने सोमवार को अदालत से कहा कि वह नहीं चाहता है कि अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर उसका प्रतिनिधित्व करें. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धमेंद्र राणा को यह भी सूचित किया गया कि इस मामले का अन्य मुजरिम विनय शर्मा तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर है. अदालत निर्भया के माता-पिता और दिल्ली सरकार की अर्जियों पर सुनवाई कर रही है जिनमें इस हत्याकांड के चारों मुजरिमों को फांसी पर चढ़ाने के लिए नई तारीख मुकर्रर करने की मांग की गई है.
ट्रांसपोर्ट का इंतजार कर रहे थे
बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की एक पैरामेडिकल स्टूडेंट अपने दोस्त के साथ दक्षिण दिल्ली के मुनिरका इलाके में बस स्टैंड पर खड़ी थी. दोनों फिल्म देखकर घर लौटने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इंतजार कर रहे थे. इस दौरान वो वहां से गुजर रही एक प्राइवेट बस में सवार हो गए. इस चलती बस में एक नाबालिग समेत छह लोगों ने युवती के साथ बर्बर तरीके से मारपीट और गैंगरेप किया था. इसके बाद उन्होंने पीड़िता को चलती बस से फेंक दिया था. बुरी तरह जख्मी युवती को बेहतर इलाज के लिए एयर लिफ्ट कर सिंगापुर ले जाया गया था. यहां 29 दिसंबर, 2012 को अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी. घटना के बाद पीड़िता को काल्पनिक नाम ‘निर्भया’ दिया गया था.
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