दिल्ली विधानसभा चुनाव 8 फरवरी को हुए थे और 11 फरवरी को इसके नतीजे आए थे. दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत से जीत हासिल हुई वहीं बात करें बीजेपी की तो उन्हें करारी हार मिली है. आपको बता दें कि एक बार फिर से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है. उसके साथ ही ये भी स्पष्ट हो गया कि एक बार फिर से अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बनेंगे और दिल्ली को आगे बढ़ाएंगे. लेकिन अबतक केजरीवाल के बेहद करीबी अन्ना हजारे को निमंत्रण नहीं मिला हैं. आइये आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह.
आपको बता दें अपने पहले कार्यकाल के दौरान अरविंद केजरीवाल ने अन्ना को शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया था. उस दौरान अन्ना ने स्वास्थ्य मुद्दों का हवाला देते हुए शपथ समारोह में शामिल नहीं होने की बात कही थी. सूत्रों के अनुसार केजरीवाल ने अन्ना को फोन कर आने के लिए कहा लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं  दिया. तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ के बारे में पूछने पर अन्ना ने बताया कि इस बार कोई निमंत्रण नहीं मिला है. सचिव ने केजरीवाल की जीत के बारे में जब अन्ना हजारे को बताया तो उन्होंने लिखा ‘थेके आहे’ (ठीक है). सचिव ने जब उनसे यह कहा कि मीडिया आपकी प्रतिक्रिया चाहती है तो उन्होंने कहा कि वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.
आपको बता दें अन्ना हजारे निर्भया मामले में दोषियों को फांसी देने में हुई देरी के खिलाफ गांधीवादी 20 दिसंबर से मौनव्रत पर हैं. दोषियों को फांसी दिए जाने के बाद ही इसे तोड़ेंगे. अन्ना के सचिव ने कहा कि जब वह टिप्पणी करना चाहते हैं तो कागज पर अपनी प्रतिक्रिया लिखते हैं. हालांकि, हजारे के पैतृक गांव रालेगण सिद्धि के निवासियों ने मंगलवार को केजरीवाल की जीत का जश्न मनाने के लिए पटाखे फोड़े. अन्ना को न्योता नहीं दिए जाने की खबर लोगों में चर्चा का विषय बना है.  
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