राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि एनआरसी और एनपीआर दोनो एक ही है। केन्द्र सरकार झूठ पर झूठ बोले जा रही है। यह केन्द्र के सरकारी दस्तावेज में भी लिखा हुआ है। एनपीआर के बाद जनता से उनके पूर्वजों का जन्म प्रमाण पत्र मांगा जाएगा। यह हिन्दू और मुस्लमान की बात नही है। दलित-महादलित, पिछड़ा-अति पिछड़ा समाज के लोगों का नागरिकता समाप्त करने की चाल है। बिहार सरकार सत्र में यह पारित कराये कि बिहार में लागू नहीं होगा। 
उपेंद्र कुशवाहा गांधी मैदान में सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ महाधरना को संबोधित कर रहे थे। धरना का आयोजन इमारत-ए-शरिया ने किया था। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के अलावा पीआईपी और जाप के नेता भी शामिल थे। 
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि दिल्ली के बाद अब बिहार विधनसभा की बारी है। मुख्यमंत्री और बड़े भाई नीतीश कुमार कहते हैं कि राज्य में एनआरसी लागू नही होगा। सच यह है कि बिहार सरकार ने एनपीआर का काम शुरू कर दिया   है। बिहार में बदहाल शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। रोजगार के अवसर नही है, किसानी चौपट हो गई, चिकित्सा व्यवस्था हासिए पर है। जनता हर चालबाजी  को नाकाम करेगी। कार्यक्रम में रालोसपा के प्रवक्ता ई अभिशेक झा, भोला शर्मा, जितेन्द्र नाथ और निर्मल कुशवाहा, मालती कुशवाहा थी। 
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