आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में 2022 के विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर लड़ने की घोषणा की है. दिल्ली चुनाव में पार्टी ने बिजली, शिक्षा और पानी के मुद्दे पर चुनाव जीता. अब उत्तराखंड में भी इन्हीं मुद्दों पर पार्टी ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
बिजली, पानी और शिक्षा ही होगा चुनावी मुद्दा
राज्य में तीसरा सियासी विकल्प बता रही पार्टी
उत्तराखंड की सभी 70 सीटों पर लड़ेगी AAP
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत के साथ जीत हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी अपना दायरा बढ़ाने में जुटी हुई है. पार्टी दिल्ली के बाद अन्य राज्यों के चुनावी मैदान में उतरने की रणनीति पर काम कर रही है. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की तर्ज पर उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में बिजली, पानी, शिक्षा के मुद्दे पर सभी 70 सीटों पर लड़ने का फैसला किया है. बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के 62 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं.
उत्तराखंड के आम आदमी पार्टी के प्रभारी राकेश सिन्हा ने मंगलवार को बताया कि पार्टी ने राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. आम आदमी पार्टी ने बिजली, पानी और शिक्षा के मुद्दे पर सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
इसी कड़ी में मंगलवार को उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी ने अपने सदस्यता अभियान की शुरुआत कर दी. साथ ही पार्टी से जुड़ने के लिए एक नंबर भी जारी किया है. आम आदमी पार्टी ने आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है. दिल्ली के चुनावों में आप पार्टी ने बिजली, शिक्षा और पानी के मुद्दे पर चुनाव जीता. अब उत्तराखंड में भी इन्हीं मुद्दों पर पार्टी ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
अब आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में पूरी 70 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाएगी. देहरादून में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में पार्टी से लोगों को जुड़ने के लिए एक नंबर 9871010101 भी लॉन्च किया.
आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड प्रभारी राकेश सिन्हा का साफतौर पर कहना है कि राज्य में शिक्षा की जो बदहाल स्थिति है उसको लेकर पार्टी का फैसला है कि आगामी 2022 के विधानसभा चुनावों में सभी 70 सीट पर हम चुनाव लड़ेंगे. हम पानी, बिजली और बेहतर शिक्षा के मुद्दे को लेकर देवभूमि की जनता के बीच जाएंगे.
राकेश सिन्हा ने कहा कि प्रदेश के लिए अभी तक न कांग्रेस बेहतर काम कर पाई है और न ही बीजेपी. इसलिए प्रदेश को तीसरे विकल्प की जरूरत है. उत्तराखंड की सरकार में राजनीतिक ईमानदारी की आवश्यकता है. हम संगठन को मजबूत करेंगे.
बिजली, पानी और शिक्षा के सवाल पर राकेश सिन्हा का कहना है कि उत्तराखंड में उन्हें जनता मौका दे तो वो इन्हीं मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे. कुल मिलाकर आगामी विधानसभा चुनाव में आप पार्टी के उतर जाने से मुकाबला त्रिकोणीय होने के साथ-साथ रोचक भी हो जाएगा.
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