सपने किसी भी उम्र में पूरे किये जा सकते है. जरूरत इस बात की है कि अपने सपनों को पूरा करने के लिये आपको मेहनत पूरी शिददत से करनी होगी. कई बार फैशUन में के क्षेत्र में जाने वाले यह जरूर सोचते है कि कम उम्र में अगर इस क्षेत्र में नहीं गये तो समय निकल जाता है. आज के समय में फैशन के क्षेत्र में ऐसे अवसर बाद में भी मिलते जिनका अवसर आप कभी भी उठा कर अपने अंदर छिपी प्रतिभा को निखार सकती है. अपने सपनो को पूरा कर सकती है. यह कोई किस्सा कहानी की बात नहीं है ऐसे तमाम लोग हमारे बीच मौजूद है. जिन्होने यह साबित भी किया है. इनमें से एक है स्मृति सिंह.
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद अब प्रयागराज की रहने वाली स्मृति सिंह का बचपन अभाव में बीता. जब वह 5 साल की थी और उनकी छोटी बहन 2 साल की थी एक सडक हादसे में उनके माता पिता दोनो की मौत हो गई. दोनो बहने अनाथ हो गई. दोनो को उनके नाना नानी के घर में जगह मिली. समय के साथ दोनो बहने पढने स्कूल जाने लगी. बडी हुई. नाना नानी भी सोचते थे कि जल्दी से यह शादी के लायक हो जाये तो शादी करके अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर दे. नाना नानी के लिये दोनो बहने किसी दूसरे की धरोहर थी. वह इनकी जिम्मेदारी जल्द से जल्द पूरी कर लेना चाहती थे. 
10 वी कक्षा के पास करते ही 16 साल की उम्र में स्मृति सिंह की शादी हो गई. स्मृति का शोक था कि वह अपना नाम फैशन के क्षेत्र में रोशन कर सके. एक मौडल की तरह खुद को समाज के सामने पेश कर सके. शादी के बाद सारे सपने सपने ही बन कर रह गये. हर शादीशुदा महिला की तरह वह भी घर गृहस्थी के चक्कर में उलझ कर रह गई. शादी के 5 साल के बाद ही उसे 2 बेटे भी हो गये. इसके बाद वह एक नौर्मल ही जिंदगी जीने लगी. इसके बाद भी स्मृति सिंह के मन में एक हौसला था. वह सोचती थी कि एक मौका भी अगर मिला तो खुद के सपने जरूर पूरे करेगी. 
मौडलिंग और फैशन की दुनियां की वह दीवानी थी. स्मृति की दीवानगी ऐसे ही नहीं थी. वह देखने के सुदर, गोरी लंबे कद की थी इस कारण उसे लगता था कि सबकुछ होते हुये भी वह कुछ कर नहीं पा रही है. शादी के बाद उसने पढाई शुरू की थी. स्नातक किया. उसे एक उम्मीद थी कि उसे अवसर जरूर मिलेगा. साल 2016 में उसे ‘मिसेज यूपी’ सौन्दर्य प्रतियोगिता का पता चला. स्मृति को लगा कि यह मौका है उसके लिये. उसने घर परिवार में बात की. इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. इस प्रतियोगिता को जीतने के बाद उसने 2017 में मिसेज इंडिया प्लेनेट का खिताब जीता. 2018 में मिसेज एशिया प्लेनेट का खिताब जीता. इस दौरान उसे 200 से अधिक शो में मौडल और सेलेब्रेटी के रूप में हिस्सा लेने का मौका मिला. स्मृति सिंह ने जब फैशन की दुनिया में कदम रखा तो उसका बडा बेटा 10 साल का था और छोटा 5 साल का. परिवार खासतौर पर पति और बच्चो का सहयोग मिला. 
अब वह फैशन जगत के साथ ही साथ समाजसेवा के क्षेत्र में भी काम कर रही है  स्मृति सिंह कहती है ‘मुझे लगता है कि अगर आप कुछ करने की ठान ले तो अपने सपने पूरे कर सकते है. मैने मौडलिंग और एक्टिग करने का सपना देखा था. मौडलिंग में मैने एक मुकाम हासिल कर लिया है. उससे मैं खुश हॅू. एक्टिंग का सपना भी पूरा करने के बेहद करीब हॅू.’  स्मृति सिंह कहती है ‘फैशन मेरे लिये केवल अच्छे कपडे ही पहनना नहीं है. वह मैं क्या हॅू यह लोगो को दर्शाने में मदद करता है. मेरी नजर में आपको इस बात का पता होना चाहिये कि क्या पहनना आप पर अच्छा लगता है और क्या नहीं ? जो इस बात को समझता है वह फैशन को समझ लेता है.’ 
   स्मृति सिंह कहती है कि लोग लोग फैशन के क्षेत्र में आने से इसलिये डरते है कि कही उनका शोषण ना हो जाये. यह डर समाज के हर क्षेत्र में है. मेरा मानना है कि अगर आप सही है और सही राह पर है तो यह डर बेमानी है. मेहनत के बिना कोई मंजिल हासिल नहीं होती और शार्टकट से कभी सफलता नहीं मिलती. घर परिवार का सहयोग साथ हो तो सफलता मिलना सरल हो जाता है. जब मैं अपने सपने पूरे कर सकती हॅू तो हर कोई अपने सपने पूरा सकता है.
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