ग़ाज़ियाबाद : पुनीत माथुर। प्राइवेट चिकित्सक वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वाधान में  विश्व सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़) दिवस मनाया गया। संस्थापक अध्यक्ष बी.के.शर्मा हनुमान ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। धूम्रपान की लत के चलते अब युवा पीढ़ी सीओपीडी की चपेट में आ रही है।

दिल्ली-एनसीआर में इसका बड़ा कारण वायु प्रदूषण है। खासकर सर्दियां शुरू होने के साथ वायु प्रदूषण विकराल रूप धारण कर लेता है। इस माह औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के आसपास रहता है, जो सीवियर श्रेणी में आता है, ऐसे में सीओपीडी का खतरा कई गुना बढ जाता है।

उन्होंने बताया कि थोड़ी देर कोई फिजीकल एक्टिविटी करने पर भी थकान महसूस होने लगे हो डाक्टर से परामर्श लें। सीढ़ियां चढ़ते हुए दम फूलना भी इसका संकेत है कि आपको सांस की बीमारी सीओपीडी हो सकती है।

सीओपीडी में सांस की नलियां सिकुड़ जाती हैं और इनमें सूजन आ जाती है। आगे चलकर मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। वायु प्रदूषण झेलने वाले और धूम्रपान करने वालों को समय-समय पर फेफड़ों की जांच कराते रहना चाहिए। बेहतर हो कि धूम्रपान बिल्कुल न करें।

हालांकि वायु प्रदूषण के महीन कण फेफड़ोंं  तक जाने के कारण ऐसे लोग भी सीओपीडी के शिकार हो रहे हैं जो धूम्रपान नहीं करते हैं।

इस बीमारी के लक्षण सुखिया बलगम वाली खांसी का होना, गले में खराश, घबराहट होना, सांस लेने में तकलीफ होना, सीढ़ियां चढ़ने के समय सांस का बार-बार फूलना, छाती में जकड़न महसूस होना आदि हैं।

धूम्रपान करना, प्रदूषण के वातावरण में रहना, कोयला - लकड़ी या घास - फूस का धुआं एवं धूल में ज्यादा रहना  इस बीमारी के मुख्य कारण हैं ।

इस अवसर पर डॉ. एन.एस. तोमर,  डॉ. कुमार देवाशीष ओझा, डॉ. शीला रानी,  डॉ. फरह, डॉ. रुखसाना परवीन, डॉ. नूर मोहम्मद,  डॉ. सुनीता बहल,  डॉ. सुभाष शर्मा, डॉ. दिलीप कुमार, डॉ. बिल्लू  प्रजापति,  डॉ.मोहित वर्मा, डॉ.राशिद, डॉ. एस.के. विश्वास, डॉ. श्यामलाल सरकार, डॉ. के.पी. सरकार,  डॉ. सुभाष शर्मा, डॉ. मिलन मंडल,  डॉ. शहनाज परवीन, डॉ. आर.पी शर्मा आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
Share To:

Post A Comment: