नई दिल्ली। कर्नाटक के 15 बागी विधायकों की अर्जी पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्पीकर को जल्द से जल्द इस विषय पर फैसला लें हालांकि उन्हें समय सीमा में नहीं बांधा जा सकता है। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि स्पीकर के फैसले के बाद ही शक्ति परीक्षण होगा। रंजन गोगोई की पीठ ने कहा कि इस्तीफों पर फैसला लेने का अधिकार स्पीकर को है इस संबंध में अदालत फैसला नहीं सुना सकती है। अदालत ने कहा कि नियमों के मुताबिक ही स्पीकर के आर रमेश कुमार फैसला लेंगे। 
सुप्रीम कोर्ट में बागी विधायकों के इस्तीफों की तारीख पर सवाल किया गया। बागी विधायकों की तरफ से कहा गया कि जिन विधायकों को लेकर कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष को ऐतराज है वो सभी इस्तीफे 6 जुलाई को हो चुके थे। लेकिन विरोधी पक्ष ने कहा कि 11 जुलाई को इस्तीफे हुए थे। सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि स्पीकर बागी विधायकों को सदन की बैठक में शामिल होने का दबाव नहीं बना सकते हैं। संवैधानिक प्रावधानों के तहत कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को अपनी भूमिका निभानी है। कोई भी संस्था किसी दूसरे के कार्यक्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है।
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