नई दिल्ली : अयोध्या राम जन्म भूमि मामले पर जल्द सुनवाई की मांग पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को विचार करेगा। हिंदू पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने शीर्ष अदालत में कहा था कि मामले की निपटारे के लिए गठित की गई मध्यस्थता टीम की तरफ से कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है इसलिए कोर्ट इस मामले की जल्द सुनवाई करे। 
सुप्रीम कोर्ट ने इसी अपील पर विचार करने का आश्वासन दिया था। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने कल यानि गुरुवार का समय दिया है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई इस मामले की सुनवाई करेंगे। इस बीच मंदिर पक्षकारों ने भी गैर विवादित जमीन पर निर्माण कार्य शुरू करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की है। 
इससे पहले 10 मई को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में बड़ी अपडेट देखने को मिली थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मध्यस्थों के पैनल ने कोर्ट में इस दिन अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी थी। उन्हें रिपोर्ट सौंपने के लिए 8 हफ्तों का समय दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित किए गए मध्यस्थों की टीम में ये सदस्य शामिल हैं- रिटायर्ड जस्टिस एफ एम कलीफुल्ला, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर, वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू। 
क्या है अयोध्या जमीन विवाद मामला
साल 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित भूमि को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था। इसमें एक हिस्सा निर्मोही अखाड़ा, दूसरा भगवान रामलला और तीसरा हिस्सा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दिया था। कोर्ट के इसी फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गई है। 
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