देहरादून I लंबे समय की खामोशी के बाद वन रक्षकों के करीब 1218 पदों पर भर्ती प्रक्रिया का पेच सुलझने जा रहा है। वन विभाग भर्ती नियमावली में संशोधन कर इस भर्ती को अंजाम देने की तैयारी में हैं। इधर, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने भी तैयारी कर ली है और आयोग का कहना है कि वन विभाग की ओर से शारीरिक परीक्षा का मापदंड पूरा करते ही भर्ती शुरू कर दी जाएगी। 
वन रक्षकों की भर्ती के लिए करीब 1.8 लाख युवाओं ने आवेदन किया था। वन विभाग ने भर्ती प्रक्रिया शुरू कर भी दी थी लेकिन इस बीच नियमितीकरण का पेच फंसा और यह मामला उच्च न्यायालय में पहुंच गया।

वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक वन विभाग को अब इस मामले में कोर्ट के स्टे को वैकेट कराने में सफलता मिल गई है। इसी से उत्साहित वन विभाग ने अब इसकी दूसरी समस्या के समाधान की ओर कदम बढ़ाया है।

दूसरी समस्या यह है कि वन विभाग की भर्ती नियमावली में लिखित परीक्षा से पहले शारीरिक परीक्षा का प्रावधान है। ऐसे में इन पदों पर भर्ती करने में वन विभाग को करीब एक लाख 80 हजार युवाओं की शारीरिक दक्षता की परीक्षा लेनी होगी। इसी समस्या को देखते हुए वन विभाग की कोशिश अब नियमावली में संशोधन की है।

यह संशोधन सिर्फ इतना है कि शारीरिक परीक्षा से पहले लिखित परीक्षा करा ली जाए। ऐसे में वन विभाग को वन रक्षकों की भर्ती में अलग से छटनी नहीं करनी होगी। उधर, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी के मुताबिक आयोग भर्ती के लिए पूरी तरह से तैयार है।

4.5 करोड़ रुपया जमा है विभाग में
वन विभाग में परीक्षा शुल्क का ही करीब 4.5 करोड़ रुपये जमा है। करीब तीन साल पहले ही यह भरती प्रक्रिया रुक गई थी और तब से आवेदन कर चुके युवा भर्ती शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। 

युवाओं ने सौंपा ज्ञापन
आवेदन कर चुके युवाओें का धैर्य भी अब जवाब दे रहा है। बुधवार का बेरोजगार महासंघ के कमलेश भट्ट, दीपक डोभाल, विनोद तोमर आदि ने आईएफएस मनोज चंद्रन को ज्ञापन सौंप कर भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करने की मांग की। मनोज चंद्रन के मुताबिक उच्च न्यायालय से रोक हट गई है। जल्द ही भर्ती शुरू की जाएगी।
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