2018 में UPI ट्रांजेक्शन बढ़ कर 750 प्रतिशत हो गई थी, वहीं कुल वॉल्यूम बढ़ कर 400 प्रतिशत पहुंच गई थी। National Payments Corporation of India (NPCI) भी BHIM के अपडेटेड वर्जन पर काम कर रही थी और अब नए BHIM वर्जन का नया फीचर भी दिखाई देना शुरू हो गया है। अगस्त 2018 में NPCI ने UPI 2.0 की घोषणा की थी, जिसमें ओवरड्राफ्ट अकाउंट, वन-टाइम मेंडेट, ट्रॉजेक्शन लिमिट में बढ़ावा जैसे बदलाव किए गए थे।
अब NPCI ने BHIM ऐप के लेटेस्ट वर्जन में वन-टाइम मेंडेट फीचर को जोड़ दिया है। इस नए फीचर के जरिए यूजर्स उनकी पेमेंट्स बाद में किसी भी डेट पर शेड्यूल कर सकते हैं। उदहारण के लिए अगर आप महीने की 15 तारीख को अपने घर का किराया देना चाहते हैं तो आप 15 तारीख से पहले कभी भी अपने किराए को उस तारीख के लिए शेड्यूल कर सकते हैं। यहां नोट करने वाली बात यह है कि आपके शेड्यूल किए गए पैसे रहेंगे तो आपके अकाउंट में ही, लेकिन पेमेंट होने तक ब्लॉक रहेंगे। अच्छी बात यह है कि आपको उन पैसों का इंटरेस्ट मिलना बंद नहीं होगा। फिलहाल यह ऐप peer-to peer UPI मेंडेट को ही अनुमती देती है। आइए देखते हैं कि यह फीचर काम कैसे करता है।

ऐसे करें BHIM ऐप में UPI मेंडेट फीचर इस्तेमाल

पहला स्टेप

BHIM ऐप को ओपन करें और अपना 4 अंकों का पासकोड डालें और लॉगइन करें। अब होम स्क्रीन पर आपको Bill Pay ऑप्शन के ठिक नीचे एक नया UPI Mandate ऑप्शन दिखाई देगा। इसमें चार टैब्स होंगे, जिनमें My Mandates, Create, Scan और Gift ऑप्शन होंगे। इनमें से My Mandates आपको आपके खुद से बनाए मेंडेट दिखाएगा और स्कैन ऑप्शन आपको रिसीवर के QR code को स्कैन कर मेंडेट बनाने देगा।

दूसरा स्टेप

अब Create के अंदर शामिल UPI Mandate पर क्लिक करें। उसके बाद आपको रीसेंट रिसीवर्स की लिस्ट मिलेगी, जिन्हें आपने पहले भी पैसे भेजे होंगे। आप इनमें से एक को चुन सकते हैं और नई UPI ID भी एड कर सकते हैं।

तीसरा स्टेप

अब जितनी राशि शेड्यूल करना चाहें आप उतनी राशि डालें और बॉटम में दिया गया Next बटन दबाए। अब ऐप आपसे इसकी फ्रिक्वेंसी पूछेगी, जो कि डिफॉल्ट रूप से ‘वन-टाइम’ यानी ‘एक बार’ में सेट हुआ होता है।

स्टेप चार

अब आपको वैलिडिटी चुननी है और आप इस ट्रांजेक्शन में रिमार्क भी लगा सकते हैं, जिससे आपको पता रहे कि यह पेमेंट किस काम के लिए की गई है। अब Proceed पर टैब करते ही आपको आपके शेड्यूलिंग की सारी जानकारी मिलेगी। अब आपको जानकारी को एक बार वेरिफाई करना है और Confirm करना होगा।
यह आपसे एक बार और UPI पिन कोड मांगेगा, PIN वेरिफाई होने के साथ ही आपकी पेमेंट शेड्यूल डेट तक के लिए ब्लॉक हो जाएगी और रिसीवर तक इसकी नोटिफिकेशन पहुंच जाएगी। रिसीवर के रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट करते ही अमाउंट उसके अकाउंट में पहुंच जाएगा।
Share To:

Post A Comment: