मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भारतीय सेना को 'मोदी जी की सेना' करने पर चुनाव आयोग ने उन्हें सचेत रहने की सलाह दी है। इस संबंध में चुनाव आयोग ने कल सीएम योगी आदित्यनाथ के स्पष्टीकरण पर असंतोष जताते हुए कहा है कि भविष्य में सेना से जुड़े संदर्भों का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए प्रयोग न करें। गौरतलब है गाजियाबाद में एक रैली के दौरान योगी आदित्यनाथ ने भारतीय सेना के लिए मोदी जी की सेना का संबोधन किया था। मजिस्ट्रेट की भेजी  वीडियो क्लिपिंग का संज्ञान लेकर आयोग ने इसे प्रथमदृष्ट्या राजनीतिक प्रचार में अभियान के दौरान सशस्त्र बलों को दूर रखने के अपने परामर्श का उल्लंघन मानते हुए नोटिस जारी किया था। मुख्यमंत्री ने इस नोटिस का तीन अप्रैल को जवाब देते हुए कहा था कि आम जन के संबोधन और सरल भाषा में हमारी सेना कह जाता है। इसी संदर्भ में मोदी जी की सेना का प्रयोग किया गया। नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं और उन्होंने ही भारतीय सेना को परिस्थितियों के अनुरूप प्रतिकार के लिए छूट प्रदान की गई। योगी आदित्यनाथ ने अपने स्पष्टीकरण में यह भी लिखा था कि उनका भाषण शुरू से अंत तक पूरा सुना जाए, स्पष्ट हो जाएगा कि चुनाव आयोग के निर्देशों का कहीं से उल्लंघन नहीं हुआ।मुद्दा उठाने वाले कुछ नेताओं के लिए भी कहा था, उन्हें आम बोलचाल की भाषा की समझ नहीं है। अगर समझ होती तो उन्हें गर्व होता और वह भारतीय सेना के अभूतपूर्व पराक्रम पर प्रश्नचिह्न लगाकर सेना को विवाद का विषय न बनाते। स्पष्टीकरण मिलने के बाद आयोग के प्रधान सचिव अनुज जयपुरियार की ओर से संबंधित आदेश, योगी आदित्यनाथ को दिया गया है। दरअसल, चुनाव आयोग ने योगी को नोटिस जारी कर पांच अप्रैल तक गाजियाबाद की रैली में की गई टिप्पणी पर जवाब तलब किया था। रक्षा मंत्रालय ने भी इस मामले को संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग में आपत्ति दर्ज कराई थी। मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि राजनीतिक दलों और नेताओं द्वारा रक्षा कर्मियों की तस्वीरें उनके चुनाव प्रचार के हिस्से के रूप में विज्ञापनों में इस्तेमाल की जा रही हैं। मंत्रालय ने चुनाव आयोग से उचित दिशा निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था। योगी के सेना संबंधी बयान को लेकर विपक्षियों ने भी चुनाव आयोग से आपत्ति जताई थी।
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