जिले के कस्बा गोपामऊ जो कि बरसों से गोकशी के मामले में चर्चित रहा है ।भाजपा सरकार के *मुख्यमंत्रीयोगीआदित्यनाथ**
के द्वारा  गोकशी पर प्रतिबंध लगाने के बाद यहां गाय कटना पूरी तरह से बन्द हो गया था ।
कई माह बीत जाने के बाद  गोकश खाद्य सुरक्षा विभाग के चक्कर लगाने लगे और अपने क्षेत्र की खाद्य सुरक्षा अधिकारी से सम्पर्क किया । उन्होने हरी झण्डी दे दी।
इस गोकशी के संबंध में पूरी जानकारी हासिल करने के लिए लोगो से सम्पर्क करने पर लोगों ने नाम ना बताने की शर्त पर जानकारी देते हुए बताया कि गोकश गोपामऊ कस्बे से 1 - 1 किलो के पॉलिथीन के पैकेट बनवा कर बाइक की डिग्गी में 20 से 25 किलो गाय का गोश्त   लेकर जिले में  जाकर घरों में पूंछ पूंछ कर ₹200 के रेट से बेच देते हैं ।आपको बताते चलें कि इस पूरी पड़ताल करने पर पता चला है कि -

*गोपामऊ के गोकश  4:00 बजे रात में जानवरों को काटते हैं ।* 

तहसील सदर की खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनुराधा कुशवाहा ने गोपामऊ के साथ-साथ पिहानी क्षेत्र में भी कई गोकशो से मोटी रकम प्राप्त कर गोकशी के लाइसेंस अभिहित अधिकारी योगेश त्रिवेदी से लेन--देन कर जारी कर दिए हैं । इन दोनों अधिकारियों की सांठ--गांठ से जारी लाइसेंस व पंजीकरण के कारण गोकश निडर होकर धड़ल्ले से खुलेआम जगह -जगह पर भैंस का मीट बता कर घरों में अपनी दुकानें खोले बैठे हैं ।और जनता को ताजा - बासी मीट मिक्स कर डी फ्रीजर में रख कर बेच रहे हैं ।

*जिला प्रशासन इनके इस कुकृत्य से अनभिज्ञ है* ।

विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि वैसे भी जिला प्रशासन का इस विभाग पर खास रहमो करम है।और अनुराधा कुशवाह तो हमेशा शिकायतो के घेरे मे रही है।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनुराधा कुशवाहा को अभी जिले में आए 3 वर्ष भी पूरे नहीं हो पाए हैं । मगर इनका तीन बार क्षेत्र बदला जा चुका है । और पचासो शिकायतें होने के बाद भी कार्रवाई ना होना आम जन में चर्चा का विषय बना हुआ है ।
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