लखनऊ (K5 News)। उत्तर प्रदेश में आज से पॉलीथीन के प्रयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस फैसले पर कैबिनेट मीटिंग में ही मुहर लगा दी थी।पहले चरण में नगरीय निकाय क्षेत्रों यानी शहरों में इसमें प्रतिबंध लगाया गया है। पॉलीथिन के निर्माण, बिक्री, भंडारण व आयात-निर्यात पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। नगर विकास विभाग ने अधिनियम में जरूरी संशोधन के लिए अध्यादेश तैयार कर लिया है। इसे कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से मंजूरी भी मिल गई है।यूपी में पतली पॉलीथीन का कारोबार लगभग 100 करोड़ का है, इससे पैकिंग और खाने पीने का सामान बनाने का पैकेट बनाया जाता रहा है। यह सेहत के लिए तो खतरनाक है ही आवारा गायों के सेहत को ध्यान में रखते हुए इसे सरकार का एक बड़ा कदम माना जा रहा है। एनजीटी के आदेश पर पहले भी सूबे में पॉलीथिन बैन लगाया गया था, लेकिन अमल में लापरवाही के चलते तरीके से प्रतिबंध नहीं लगाया जा सका। इस बार योगी आदित्यनाथ सरकार ने आज से सूबे में पूर्ण रुप से पॉलीथीन प्रतिबंध का आदेश दिया है। आज के बाद किसी भी व्यक्ति के पास या किसी विक्रेता के पास अगर पॉलीथीन बैग पाई जाती हैं तो उसको जब्त करके संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश सरकार ने इसके बेचने या बनाने पर पूरी तरह से लगाम लगा दी है। अब इस बनाने या बेचने पर एक वर्ष कैद या फिर एक लाख रुपया जुर्माना का प्रावधान किया गया है। सूबे में पतली पॉलीथीन यानी 50 माइक्रॉन से पतली पॉलीथीन पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। इससे पहले वर्ष 2000 में 20 माइक्रॉन से पतली पॉलीथीन पर ही प्रतिबंध था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 50 माइक्रॉन कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पॉलीथिन, प्लास्टिक व थर्मोकोल में चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंध की घोषणा की है। उनकी घोषणा के अनुसार ही 15 जुलाई रविवार से 50 माइक्रोन तक की पतली पॉलीथिन प्रतिबंधित की जा रही है। दूसरा चरण 15 अगस्त से शुरू होगा, इसमें प्लास्टिक व थर्मोकोल के कप-प्लेट व ग्लास प्रतिबंधित किए जाएंगे। इसके बाद दो अक्टूबर से सभी प्रकार के डिस्पोजेबल पॉलीबैग पर भी प्रतिबंध रहेगा।
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