अर्पित श्रीवास्तव की कलम से
सहारनपुर. कैराना लोकसभा सीट में होने वाले उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज सहारनपुर के अम्बेहटा पीर में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे। यहां रैली को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि विकास का रास्ता जातिवाद. मजहब और तुष्ठीकरण की राजनीति नहीं रोक सकती है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की जीत का मतलब है सुरक्षा की जीत और विकास की जीत। हमारे सरकार चीनी मिलों को फिर से शुरू कर रही है। बता दें कि अम्बेहटा पीर सहारनपुर जिले के गंगोह विधानसभा क्षेत्र में आता है जो कैराना लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। अखिलेश यादव पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव कभी यहां आकर चुनाव प्रचार नहीं कर सकते हैं क्योंकि उनके हाथ मुजफ्फरनगर के दंगों के खून से सने हैं। पश्चिमी यूपी के लोगों में वो अंधविश्वास फैला सकते हैं पर विकास कार्यों को विश्वास पैदा नहीं कर सकते हैं। अब यहां पलायन नहीं होगा क्योंकि हम यहां के लोगों 3 लाख लोगों को नौकरी देने जा रहे हैं। हमने एक साल में यूपी में निवेश को बढ़ावा दिया है।
- चौधरी चरण सिंह का इससे बड़ा सम्मान नहीं हो सकता है कि हम किसानों के हितों में काम कर रहे हैं। मोदी सरकार ने किसानों को लेकर जितनी योजनाएं शुरू की है कि उतनी किसी पीएम ने नहीं की है। हम किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। हमारी सरकार गन्ना किसानों के स्वाभिमान की रक्षा करेंगे।
- समय पर गन्ना किसानों के भुगतान करना और युवाओं को रोजगार देने का काम करेगी। युवाओं से अपील करते हुए सीएम ने कहा कि मैं अापसे निवेदन करना चाहता हूं कि आपने हमें चुना है हम आपके भरोसे पर खरे उतरेंगे। आप किसी भी प्रकार के जातिवाद में फंस कर कोई निर्णय ना लें।

11 लाख दलितों को मुहैया कराया जाएगा घर
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा दलितों को 11 लाख आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कैराना उपचुनाव में सपा द्वारा रालोद को समर्थन दिए जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दूसरे के कंधों पर बंदूक चलाना आसान है, लेकिन अपने कंधे पर बंदूक रखकर कठिन है। यही वजह है कि कैराना उपचुनाव में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष यहां जनता के बीच पहुंचने का साहस नहीं जुटा पा रहे है। क्योंकि सपा पर मुजफ्फरनगर दंगे का दाग अभी भी धुला नहीं है।
- योगी ने कहा कि आगामी दो अक्टूबर तक प्रदेश को पूरी तरह से खुले में शौचमुक्त बना दिया जाएगा। आगामी दो अक्टूबर को मनाई जाने वाली गांधी जयंती प्रदेश के लिए यागदार साबित होगी, क्योंकि पूरे प्रदेश में एक भी गांव ऐसा शेष नहीं रहेगा, जिसमें खुले में शौच होता हो। प्रदेश सरकारों ने जाति और धर्म पूछकर नीतियां बनाई थी, लेकिन जबसे प्रदेश में हमारी सरकार आई है, हमने कोई भी नीति जाति और धर्म पूछकर नहीं बनाई है। 
- मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार राज्य का माहौल बदलने का काम कर रही है। भाजपा सरकार प्रदेश को पूरी तरह से भयमुक्त बनाना चाहती है। इसके लिए जनता को भी सरकार का सहयोग करना होगा। हम किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का जिक्र भी अपने भाषण में किया।
पहले महोत्सव के नाम पर खर्च होते थे करोड़ों रुपए
- योगी आदित्यानाथ ने सपा सरकार और अखिलेश यादव पर हमला करते हुए कहा कि यहां यूपी में पहले महोत्सव के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर दिए जाते थे पर किसानों को बिजली नहीं दी जाती थी। बिजली प्रदेश के केवल 4 से 5 जिलों को मिलती थी।
- हम किसी जाति विशेष के लिए विकास नहीं करते हैं। हमारा लक्ष्य सबका साथ सबका विकास है।

5 केडी में हुआ था घंटों मंथन
- गोरखपुर और फूलपुर की हार से सबक लेते हुए भाजपा ने अब अपना पूरा जोर कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा उपचुनाव जीतने पर लगा दिया है। इन उपचुनावों को जीतने की तैयारी और अब तक अपनाई गई रणनीति की समीक्षा करने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा.महेन्द्र नाथ पाण्डेय और महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल सोमवार देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के साथ उनके 5 कालीदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर बैठक की। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डा. दिनेश शर्मा भी मौजूद थे।
एकजुट है विपक्ष
- कैराना उपचुनाव में विपक्ष एकजुट है। सपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद एक साथ है, जो बीजेपी को सीधी टक्कर दे रहे हैं। ऐसे में सीएम की रैलियों को किसी चुनौती से कम नहीं माना जा रहा है। आपको बता दें कि कैराना लोकसभा क्षेत्र की इस सीट से 2014 में हुकुम सिंह जीतकर संसद पहुंचे थे।

क्यों हो रहे हैं उपचुनाव
- बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद ये सीट खाली हुई है। बीजेपी ने हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को कैंडिडेट बनाया है।
कब होंगे चुनाव
- कैराना में 28 मई को मतदान होगा जबकि काउंटिंग की गिनती 31 मई को होगी।
कैराना लोकसभा का जातीय गणित
- मुस्लिम - 5.50 लाख वोटर्स 
- दलित - करीब 2 लाख वोटर्स 
- जाट - 1 लाख 75000 वोटर्स
- राजपूत- 75000 वोटर्स
- गुजर - 1.30 लाख वोटर्स
- कश्‍यप - एक लाख 20 हजार वोटर्स 
- सैनी - एक लाख 10 हजार वोटर्स 
- ब्राह्मण - 60000 वोटर्स
- वैश्‍य 55000 वोटर्स
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