हरदोई : बाल संप्रेक्षणगृह में दो गुटों के बीच हुए बवाल और मारपीट के मामले में जमीनी हकीकत देखने आई प्रदेश सरकार की मंत्री रीता बहुगुणा जोशी को यहां कई खामियां मिलीं। संप्रेक्षणगृह में पहले से ही गुटबाजी थी। जिसकी अधिकारियों को भनक नहीं लगी। छोटे और बड़े बच्चे एक साथ ही रखे गए, जिससे न केवल अव्यवस्थाएं बढ़ीं, बल्कि उनकी मानसिकता पर भी बुरा असर पड़ा। अव्यवस्था पर न उन्होंने केवल नाराजगी जताई, बल्कि कार्रवाई की भी बात कही।
इस दौरान पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार मिश्र समेत अन्य अधिकारियों ने उनका स्वागत किया और फिर सवा नौ बजे मंत्री बाल संप्रेक्षण गृह पहुंच गईं। मंत्री ने अकेले में एक-एक बच्चे से जानकारी ली। उन्होंने व्यवस्थाओं को भी देखा। मंत्री ने बताया कि साफ सफाई और खाना, पढ़ाई तो सही मिली, लेकिन खेलने कूदने का कोई इंतजाम नहीं है। बच्चों ने कुछ आरोप भी लगाए हैं। जिला प्रशासन ने भी रिपोर्ट तैयार की है। जो कर्मचारी लंबे समय से तैनात हैं, उन्हें हटाया जाएगा। मंत्री ने बताया कि संप्रेक्षणगृह के बाहर मैदान में फुटबाल व बास्केटबाल खेलने के लिए कोर्ट बनाया जाएगा। जिला प्रशासन से धनराशि का इंतजाम तो कराया ही जाएगा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मदद ली जाएगी। निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक निधि सोनकर , नगर मजिस्ट्रेट वंदिता श्रीवास्तव, एसडीएम सर्वेश कुमार गुप्ता समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
बच्चों के नाम न बता पाईं जेजेसी की सदस्य-मंत्री ने किशोर न्याय बोर्ड की सदस्यों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई। कहा कि जो सदस्य मनोनीत किए गए हैं उन्होंने कोई काम नहीं किया। मंत्री ने बताया कि उन्होंने महिला सदस्यों को भी बुलाया था। उनसे पूछा कि उन लोगों ने कितनी बार निरीक्षण किया तो उन लोगों ने निरीक्षण की तो बात कही लेकिन बच्चों के नाम नहीं बता पाईं।
ऊंची होगी संप्रेक्षण गृह की बाउंड्रीवाल-बाल संप्रेक्षण गृह की बाउंड्रीवाल ऊंची कराई जाएगी। मंत्री ने निरीक्षण के दौरान देखा कि परिसर में पेड़ भी खड़े हैं जिन पर कोई भी किशोर आसानी से चढ़कर बाहर निकल सकता है। मंत्री ने कहा कि पेड़ कटवाए जाएं और बाउंड्रीवाल ऊंची कराई जाए। मैदान में खेलकूद कराया जाए।
नशीले पदार्थ की मौजूदगी को मंत्री ने नकारा: बाल संप्रेक्षणगृह में अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान भले ही नशीले पदार्थ मिले हों। जिला अस्पताल में भर्ती कराए गए बच्चों ने सनसनीखेज आरोप लगाए हों, लेकिन मंत्री ने उन सभी को नकार दिया। मंत्री का कहना था कि उन्होंने एक-एक बच्चे से जानकारी ली। किसी भी बच्चे ने नशाखोरी या किसी भी तरह के अनैतिक कार्य की जानकारी नहीं दी। अगर ऐसा कुछ है तो वह स्थानीय प्रशासन से जांच कराएंगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। मंत्री के सामने भी किशोरों ने काटा हंगामा: संप्रेक्षणगृह में मंत्री के निरीक्षण के दौरान भी हंगामा कटा। मंत्री जैसे ही निरीक्षण के बाद हाल के बाहर आईं उसी दौरान अपचारी हाथों में कागज पर नारे लिख कर चैनल के बाहर लहराने लगे। संप्रेक्षणगृह के कर्मचारी वेद प्रकाश के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। उन लोगों इतना हंगामा काटा तो मंत्री को कार्यालय का निरीक्षण छोड़ कर हाल में आना पड़ा, उन्हें समझाना पड़ा। मंत्री ने बताया कि जिस का नाम लिया जा रहा है वह सख्त है और तभी सभी उसके खिलाफ एकजुट हो रहे हैं। वह लंबे समय से तैनात भी हैं जिस पर उन्हें हटाया जाएगा।
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