लखनऊ (K5 News)। बहुजन समाज पार्टी के विधायक मुख्तार अंसारी के साथ ही समाजवादी पार्टी के विधायक हरिओम यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है। चुनाव आयोग से इन दोनों विधायकों को कल होने वाले राज्यसभा चुनाव में मतदान करने की अनुमति मिलने के बाद दोनों विधायकों ने याचिका वापस ले ली है। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की दस सीटों के लिए कल मतदान होना है। भाजपा के नौ तथा सपा व बसपा के एक-एक प्रत्याशी मैदान में हैं।
बहुजन समाज पार्टी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी बीते दस महीने से बांदा जेल में बंद हैं जबकि समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव मारपीट के मामले में फिरोजाबाद जेल में बंद हैं। मुख्तार अंसारी के साथ ही हरिओम यादव ने आज इलाहाबाद हाईकोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है। दोनों विधायकों ने राज्यसभा चुनावों में मतदान की अनुमति मांगने की खातिर कल याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सरकार को दोनों विधायकों को आज पेश करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार व न्यायमूर्ति राजन रॉय की पीठ से वरिष्ठ अधिवक्ता एस सी मिश्र ने बेंच से कहा कि दोनों विधायकों ने याचिकाओं को वापस लेना चाहते थे। मिश्रा ने वापसी का कोई कारण नहीं बताया। इस पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया क्योंकि इसे दबाया नहीं गया। जेल में बंद बसपा के मुख्तार अंसारी के साथ ही समाजवादी पार्टी के विधायक हरिओम यादव को जेल से बाहर आकर मतदान करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चंद्र मिश्र ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मिश्रा ने कोर्ट में दलील पेश की थी कि 23 मार्च को होने वाले इन दोनों विधायकों को राज्यसभा चुनावों की वोटिंग में हिस्सा लेने की अनुमति दी जाए। मुख्तार अंसारी भाजपा के मऊ से विधायक रहे कृष्णानंद राय की हत्या के साथ ही अन्य कई मामलों में मुख्य आरोपी हैं।
चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव में बसपा विधायक बाहुबली मुख्तार अंसारी को वोट डालने की इजाजत दे दी है। आयोग के इस फैसले के बाद मुख्तार अंसारी राज्यसभा चुनाव के दौरान वोटिंग में हिस्सा लेंगे। प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के मतदान कल होंगे। इसमें बीएसपी की साख दांव पर लगी हुई है। बसपा के लिए एक-एक वोट अहम है, इसी कारण अंसारी ने चुनाव आयोग से वोट डालने की इजाजत मांगी थी। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्तार अंसारी ने समाजवादी पार्टी का दामन छोड़ बहुजन समाज पार्टी ज्वॉइन कर ली थी। उन्होंने जेल में रहते हुए चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। फिलहाल उनके विधानसभा का कामकाज भाई सिगबतुल्ला देखते हैं। राज्यसभा चुनाव में यूपी की दस सीटों पर चुनाव होना है, जिसमें से 8 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार व एक सीट पर सपा के उम्मीदवार का चुना जाना तय है। दसवीं सीट के लिए बसपा व भाजपा के उम्मीदवार के बीच जद्दोजहद है।
हरिओम यादव के खिलाफ जारी हुआ था गैरजमानती वारंट-मुलायम सिंह के समधी हरिओम यादव फिरोजाबाद की सिरसांगज विधानसभा से सदस्य हैं। उन्होंने एक मामले में गैरजमानती वारंट जारी होने के बाद सरेंडर किया था। अंतरिम जमानत अर्जी खारिज होने के कारण उनको जेल भेजा गया है। विधायक पुत्र विजय प्रताप उर्फ छोटू के खिलाफ न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी किए हैं।शिकोहाबाद के गांव भांडऱी निवासी राजीव यादव उर्फ वाले ने नौ अक्तूबर 2015 को अभियोग दर्ज कराया था मुझे जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लडऩे से रोकने के लिए ही विधायक सिरसागंज हरिओम यादव उनके बेटे विजय प्रताप उर्फ छोटू ने साजिश के तहत मेरे घर पर ही हमला कराया है।
कुछ ऐसा है वोटों का आंकड़ा-राज्यसभा में पहुंचने के लिए यूपी में उम्मीदवार को 37 विधायकों के वोट की जरूरत है। भाजपा के पास 300 से अधिक विधायक हैं, ऐसे में भाजपा आसानी से अपने आठ सदस्यों को राज्यसभा में भेज सकती है। सपा के पास 47 विधायक हैं, लिहाजा उसके पास एक सदस्य को राज्यसभा भेजने के बाद भी 10 अतिरिक्त वोट हैं। वहीं मायावती के पास कुल 19 विधायक हैं, ऐसे में उन्हें 18 अतिरिक्त विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी ताकि वह अपने उम्मीदवार को राज्यसभा भेज सकें।

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