रामप्रकाश राठौर की कलम
शाहाबाद।नेहरू म्यू.कन्या इंटर कालेज के विदाई समारोह में विशेष अतिथि पूर्व प्रधानाचार्य राधे श्याम दीक्षित ने कहा कि ज्ञान के आधार पर जीवन सजाएँ। छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ज्ञान को जीवन में उतारने से ही श्रेष्ठता आती है।ज्ञान ही सुन्दर समाज की संरचना में सहायक है। विषय विशेषज्ञ अम्बरीष कुमार सक्सेना ने कहा कि ज्ञान की मशाल प्रज्ज्वलित रखकर ही जीवन को सजाया और संवारा जा सकता है।ज्ञान से ही मानवीय मूल्यों को आत्मसात किया जा सकता है।ज्ञान विज्ञान ही आज के जीवन में व्यावहारिक एवं उपयोगी है। 
इस अवसर पर इक़रा ने सरस्वती वंदना,आकांक्षा यादव ने स्वागत गान,अनम अंसारी ने सुमधुर कर्णप्रिय गीत,सीमा इफ़्फ़त नाज़ ने विदाई गीत सुनाए।प्रधानाचार्या नूरुल हुमा एवं सहजिल अंसार ने नात सुनाई।शहज़ादी और मंतशा ने हास्य व्यंग्य से युक्त नाटक प्रस्तुत किया।सेजल,इक़रा,प्रांजलि ने शिक्षक शिक्षिकाओं को विविध अलंकारों ,शीर्षकों से अलंकृत किया।कक्षा 11 के बालिकाओं ने कक्षा12 की छात्राओं को विभिन्न उपाधियों से नवाजा। इस मौके पर विज्ञान शिक्षिका सरिता रानी,व्यावसायिक शिक्षिका शशि शुक्ला,नायब जहां ,साजिया खान,बेबी निशा,लिपिक ज़िया खान आदि ने छात्राओं को अपना आशीर्वाद प्रदान किया।तथा बोर्ड परीक्षा की छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की।इस समरोह में संगीत की मधुर मधुर ध्वनि पर बालिकाओं ने  भाव नृत्य प्रस्तुत किये। समापन विदाई गीत 'कभी अलविदा मत कहो दोस्तों' से किया गया।
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