रिपोर्ट-कुणाल श्रीवास्तव
लखनऊ. नसीमुद्दीन सिद्दीकी के कांग्रेस में आने का विरोध करने वाले प्रदेश संगठन मंत्री संजय दीक्षित को पार्टी से 6 साल के लिए निष्काषित कर दिया गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर के निर्देश के बाद अनुशासन समिति ने यह फैसला लिया है। इससे पहले सिद्दीकी का विरोध करने पर अनुशासन समिति ने संजय दीक्षित को नोटिस जारी किया था।

जवाब में अपने स्टैंड पर कायम थे संजय दीक्षित
-अनुशासन समिति को भेजे अपने जवाब में संजय दीक्षित अपने स्टैंड पर कायम रहे थे।
-संजय ने जवाबी पत्र में लिखा कि उनका विरोध केवल नसीमुद्दीन सिद्दीकी से है न कि उनके साथ आये अन्य लोगों से। संजय दीक्षित ने पत्र में लिखा कि सिद्दीकी न तो कांग्रेस की नीतियों में फिट बैठते हैं न ही उनका आचरण ऐसा है कि उन्हें पार्टी में लिया जाए।
-उन्होंने मणिशंकर अय्यर का उदाहरण देते हुए कहा कि राहुल गांधी के इस फैसले से हम सभी गर्व महसूस कर रहे थे लेकिन नसीमुद्दीन के पार्टी में आ जाने से हम सब फिर सवालों के घेरे में आ गए।
-बहू-बेटी पर आपत्तिजनक कमेन्ट करने के मामले में उनपर मुकदमा चल रहा है और इसे राजनीतिक मुकदमा कहना गलत होगा।
मायावती की लूट के सेनापति थे नसीमुद्दीन
-संजय दीक्षित ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर आरोप लगाया है कि मायावती की सरकार में वह माया की लूट के सेनापति हुआ करते थे।
-अब नसीमुद्दीन के बहाने भाजपा को एक हथियार मिल जायेगा। जिससे वह कांग्रेस पर हमला करेगी. उन्होंने लिखा है कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने सीबीआई को मनरेगा घोटाले में शामिल अफसरों पर अभियोजन की मंजूरी नहीं लेने दी थी।
नसीमुद्दीन की ज्वाइनिंग की जांच होनी चाहिए
-संजय ने पार्टी आलाकमान से गुजारिश करते हुए पत्र में लिखा था कि नसीमुद्दीन की ज्वाइनिंग की जांच होनी चाहिए।
-उन्होंने लिखा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को सिद्दीकी के इतिहास की जानकारी नहीं दी गयी होगी। वर्ना वह कभी इन्हें पार्टी में शामिल नहीं होने देते।
-संजय ने बाबू सिंह कुशवाहा का उदाहरण देते हुए कहा कि बीजेपी ने कुशवाहा को 2012 में ज्वाइन कराया था लेकिन भद्द पिटते ही बाहर कर दिया अब कांग्रेस भी उसी रास्ते पर चल पड़ी है।
-उन्होंने गुजारिश की है कि सामने 2019 लोकसभा का चुनाव है। ऐसे में दागियों को पार्टी में शामिल न करे। हम मोदी सरकार की हकीकत जनता के बीच ले जाए न की बीजेपी को पार्टी पर हमला करने का अवसर दे।
क्या कहना है कांग्रेस का
-प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने बताया कि संजय दीक्षित को इसके पहले अनुशासन समिति द्वारा इन्हें ऐसे आचरण न करने की चेतावनी भी दी जा चुकी है और लिखित रूप से स्पष्टीकरण मांगा गया था। इतना ही नहीं इसके पहले भी संजय दीक्षित लगातार पार्टी विरोधी कार्य कर रहे थे, पार्टी की चेतावनी एवं लिखित रूप से माफी मांगने के बावजूद लगातार पार्टी विरोधी कार्य करते चले आ रहे थे। जिसके कारण मंगलवार को उन्हें सभी पदों से 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया गया है।
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