सीतापुर। शहर में कैंची पुल के पास आवागमन खतरनाक हो गया है। सरायन नदी के किनारे से एक ओर की सड़क तेजी से कट रही है। जीटी रोड का आधे से अधिक हिस्सा इसकी चपेट में आ गया है। इससे रोड संकरी हो गई है। इससे अक्सर जाम की समस्या से लोग जूझते रहते हैं। ये हालात करीब दो महीने से बने हुए हैं। लेकिन नगर पालिका, पीडब्ल्यूडी व गल्ला मंडी समिति एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर राहगीरों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इससे इस सड़क पर राहगीर किसी भी समय बड़ी दुर्घटना का शिकार हो सकते हैंशहर का कैंची पुल सबसे व्यस्ततम पुल है। यह पुल पूरे शहर को जोड़ता है। शाहजहांपुर रोड की तरफ से आने वाले वाहन इस पुल को क्रास करके ही शहर के अंदर प्रवेश करते है। इससे इस पुल पर हर समय आवागमन बना रहता है। अगर आधा घंटे के लिए पुल पर आवागमन बंद हो जाए तो पूरे शहर में जाम लग जाता है। इस पुल के किनारे सीवर लाइन पड़ी हुई है। इसको डालने का काम गल्ला मंडी समिति द्वारा करीब 10 वर्ष पूर्व कराया गया था। लेकिन गल्ला मंडी समिति ने सीवर लाइन डालने में मानकों का ख्याल नहीं रखा है।
पुल के किनारे लाइन ले जाकर नदी में गिराने का प्लान था। लेकिन सीवर लाइन को काफी पहले ही छोड़ दिया गया। इससे सीवर का पानी सड़क के किनारे निकल रहा है। इसके कारण एक कोने की सड़क धंसती ही जा रही है। हाल यह है अभी तक गल्ला मंडी ने नगर पालिका को सीवर लाइन हैंडओवर नहीं किया है। इससे नगर पालिका यहां पर मरम्मत कराने से हाथ खड़ा कर रहा है। नगर पालिका का कहना है जब यह लाइन हैंडओवर हुई ही नहीं है तो मरम्मत क्यों कराएं। सड़क पीडब्ल्यूडी ने बनवाई थी। पीडब्ल्यूडी का कहना है पहले पानी गिरने से रोका जाए। उसके बाद ही सड़क बनेगी। अगर सड़क बनवा दी जाती है तो कुछ दिन बाद फिर यह उसी हालात में पहुंच जाएगी। तीनों विभाग के चक्कर में यह मार्ग दिन प्रतिदिन खराब होता जा रहा है।
दो माह से यही हालात बने हुए है। इससे सड़क का आधे से अधिक हिस्सा कट चुका है। अब एक साथ दो वाहन निकलने में मुश्किल हो रही है। अगर कोई ओवरटेक कर दे तो वाहन पलट जाएंगे।
नगर पालिका का कहना है कि यह उसके अधिकार क्षेत्र के बाहर का मामला है। पालिका का कहना है कि गल्ला मंडी समिति द्वारा सीवरलाइन का निर्माण कराया गया था। गल्ला मंडी ने नदी से 10 मीटर पहले ही सीवर लाइन को छोड़ दिया है जो नक्शा बना था, उसमें नदी के किनारे तक सीवर लाइन को आना था। गल्ला मंडी ने बजट का गोलमाल करके हजम कर लिया है। इसकी जांच होनी चाहिए। लेकिन अफसर न जांच कर रहे हैं और न ही इसको दुरुस्त करवा रहे हैं।
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